Hindi Poem: बरसो बादल मूसलाधार...


㇐㇣㇐

दहकती धरती करे पुकार,
बरसो बादल मूसलाधार.

खेत उजड़े, सूखे शज़र,
महकती बगिया बनी बंजर.

बिगड़ गया सब रूप सिंगार,
बरसो बादल मूसलाधार.

नीरस आंखें आसमान ताके,
मत जाओ तुम नजर चुराके.

अब उपवन में आये बहार,
बरसो बादल मूसलाधार.

गांव गांव और नगर नगर,
सब प्यासे हैं डगर डगर.

फिर से भर दो जल-भंडार,
बरसो बादल मूसलाधार.

शीतल सवेरा, सुरमई शाम,
रहा नहीं कुछ भी अभिराम.

सुन्दर हो जाये घर संसार,
बरसो बादल मूसलाधार.

गुम हुई चिड़िया की चहक,
जल गई वो सौंधी महक.

दे दो हरी चुनर उपहार,
बरसो बादल मूसलाधार.


㇐㇣㇐

आप भी अपनी हिंदी रचना को My Tukbandi पर प्रकाशन के लिए भेज सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर जाएं:
Submit your Hindi Stuff to ‘my tukbandi’

*Image Source: Pixabay

Comments

  1. अतिसुन्दर लेखनी....

    ReplyDelete
  2. Awesome Raju .....keep it up bro

    ReplyDelete

Post a Comment