धोळी गाय, भूरी छ्याळी,
बन मं बोलै काळौ ल्याळी।
डागळा पर मोर्यौ नाचै,
बाई मुळकै, बजावै ताळी।
कमेड़ी बोलै मीठी-मीठी,
कागला की काया काळी।
बुगलौ बैठ्यौ भैंस पर,
बा भैंस मोटा सींगांळी।
बांदरा को ब्याव मंड्यौ है,
घुसल्यां गावै सुर मं गाळी।
पुन का कांम करतौ जा,
रांम करैलौ आप रुखाळी।
(Image by Borja Blanco Cinza from Pixabay)
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