Hindi Poem: अजीब है बातों के बाजार निकले...



अजीब है बातों के बाजार निकले,
कुछ लोग सच के खरीदार निकले।

आपको जानकर जान कहा है,
सितमगर निकले तो एतबार निकले।

दिल में दफ्न  है यादें उसकी,
कमबख्त आँखों में बार बार निकले।

निकला चाँद और हम निकले,
निकले और कई बार निकले।

आपको देने आये थे दिल की दौलत,
अफ़सोस कि आप भी जानकार निकले।



(Author, my tukbandi)

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