कहते हो कि धड़कनों की राय ली नहीं,
हमारे पास तो हमारा दिल भी नहीं।
साधारण सा जीवन जीने की आदत है,
ज्यादा होशियारी हमने कभी की नहीं।
जोधपुर से हुई है मुहब्बत हमको,
पहले किसी शहर से इतनी थी नहीं।
जब से उसकी सूरत बसी है आंखों में,
ख्वाब के सिवा कोई काम करती ही नहीं।
सुना था ईश्क में नींद उड़ जाती है मगर,
Comments
Post a Comment