मेरे मन को बहुत भाती है,
जब तू मुस्कुराती है.
खुशी बसी है तुझमें बहुत,
तेरी ये आंखे बताती हैं.
मस्ती भरी तेरी अल्हड़ बातें,
तेरी उदासी को झुठलाती हैं.
जब भी सोचता हूं तन्हाई में,
तू ग़ज़ल बनकर आती है.
और कभी-कभी...
जब तू खुद को रुलाती है,
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