ज़रा खुली हवा से मिलना शाम को.
सावन का महीना है मेरे दोस्त!
हमको भाता है टहलना शाम को.
दिनभर तेरा इंतजार किया,
बरसेगी अब घटा शाम को.
लगता है परीक्षाओं के दिन हैं,
वरना तो होता है हंगामा शाम को.
आइए राजू ! तनिक बैठिए भी,
लेते हैं चाय का मजा शाम को.
㇐㇣㇐
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Image Source: Pexels
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