दो दिन में कंगाल हो गया.
सब नींद उड़ गई रातों की,
आंखों का रंग लाल हो गया.
ऐसे घूमे दिलो-दिमाग,
आकाश का पाताल हो गया.
फरमाइशों भरा प्रेम-पत्र,
मेरे जी का जंजाल हो गया.
ऐसे में अब कुछ ना पूछो,
क्या कहूं क्या हाल हो गया.
दुनिया जंगल, मैं विक्रम,
और इश्क़ बेताल हो गया.
तो दोस्तों!
इसी में है सबकी भलाई,
मन लगाकर करो पढाई।
㇐㇣㇐
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*Image Source: Pexels
ha ha ha... sahi hai!
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