प्रेत बसे यहां काले काले,
लम्बे लम्बे बालों वाले।
डरने की कोई बात नहीं,
दिन है अभी तो, रात नहीं।
रात को होगा माहौल सुहाना,
भूतों का रहेगा आना जाना।
पकड़म पकड़ाई का खेल होगा,
सब निशाचरों से मेल होगा।
सुनसान अंधेरा बोल पड़ेगा,
भींतों से जब सोम झड़ेगा।
भौर तलक मदहोश मिलोगे,
बस अभी बताओ क्या लोगे?
हवेली तो बस बहाना है,
चौधरी साब का ठिकाना है।
तो मित्रों!
धरकर जान हथेली पर,
आओ कभी हवेली पर।
भौंरा बनकर मंडराते जाओ,
चांद जैसी चमेली पर।
इश्क़ फ़रमाओ सीधा सीधा,
नज़र न डालो सहेली पर।
इतना भी मत माथा कुचरो,
उल्टी पुल्टी पहेली पर।
समझ गए तो हंस दो वरना,
आओ कभी हवेली पर।
㇐㇣㇐
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*Image Source: Pexels

अर चौधरी साब अतौ-पतौ तो लिखता इया्ँ कठू आ जास्या हवेली पर ...☺ Keep entertaining ..��
ReplyDeleteहा हा हा हा हा हा... अतो पतो भी बतास्यां अर् मनोरंजन भी करता रैस्यां... बस आपरो प्यार यूं ही मिलतो र'व...
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