हळसोत्यौ । A Rajasthani Poem By Rajendra Nehra


मेह बरस्यौ,

डैरी डूबगी, तळाई भरगी,

मींडका बोलै च्यारूमेर


हळ चाल्यौ, 

बीज पड़्‌यौ, हळाई बणगी,

हूगी तेजाजी की मे’र।


ळवाण्यौ सीज्यौ,

भोग लगावां, अरज करां,

मेह बाबा! आतौ रीजै फेर।


© Rajendra Nehra



*Image Source- Pixabay

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