Hindi Poem: नाराज कभी जिंदगी से 'राज़' नहीं होता...



पर्दा अगर ना होता तो कोई राज़ नहीं होता,
राजा अगर ना होता तो कहीं राज नहीं होता।

विश्वास है मुहब्बत है जमाने में आज भी जिन्दा,
इन्शान अगर ना होता तो ये जलवा आज नहीं होता।

कांटा किसी के पैर का निकाला नहीं होता,
 तो मेरे सर पे ये फूलों का ताज नहीं होता।

नहीं किया होता जो नहीं करना था, तो जनाब!
सच कहता हूं- ये हंगामा आज नहीं होता।

 ऐ जिंदगी! तू खफा होकर भी क्या कर लेगी बता,
नाराज कभी जिंदगी से 'राज़' नहीं होता।



(Author, my tukbandi)

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