स्याह जब सहरे-शहर लगेगी,
गाँव की तरफ ही नजर लगेगी।
हम भी लौट जाएंगे यहां से,
मुश्किल जब यहां बसर लगेगी।
क्यों जाता है वो जंगल के रास्ते,
क्या कोई खजाने की खबर लगेगी?
हमको तो सदा सूरज ने देखा है,
हमें भला किसकी नजर लगेगी।
यहां से चलते है 'राजू' कि यहां तो,
हम भी लौट जाएंगे यहाँ से,
ReplyDeleteमुश्किल जब यहाँ बसर लगेगी।
अर्ज किया है,
लौट के यहाँ से जा न पाओगे
मुश्किल ही अब आसान लगेगी।
हा हा हा... बिल्कुल सही फरमाया आपने...
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