कसम से कर देंगे मुझको पागल,
दिल पर छाए तेरी यादों के बादल।
दिल से निकलकर आँखों में आए,
और फिर रात भर बरसे बादल।
धुल गई स्याही मन के कागज से,
दिल की जमीन हुई दल-दल।
सुबह देखा धुंद छाई थी हर तरफ़,
ये क्या हुआ, कहां गए सब बादल।
मुझसे मिलकर तेरे पास गए होंगे,
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