㇐㇣㇐
वो घर, वो मोहल्ला, वो गली,
खिलने वाली थी जहां एक नन्हीं कली.
लेकिन दुर्भाग्य देखो उस घर का,
खिलने से पहले दे दी गई उसकी बलि.
कली खिलती तो फूल बनती,
महकता वह घर-उपवन.
मां को देती वह खुशियां हज़ार,
खुशहाल हो जाता उसका जीवन.
लेकिन दुर्भाग्य देखो उस मां का,
समझ ना पाई उसकी महत्ता.
वह थी अनमोल रत्न, चिराग़ बनती घर का,
पर कौन उसे यह समझाता?
कौन कहे, किस-किस से कहे,
यह है पूरे राष्ट्र की कमजोरी.
बेटे को पालते कान्हां की तरह,
बेटी को सुनाता नहीं कोई एक लोरी.
रूढ़ विचारों के आगे, मत झुको तुम आज,
उठो! बढ़ो! सृजित करो! एक सभ्य समाज.
तुम भी किसी बेटी से बने हो, समझो ये बात,
बेटी है भारत का ताज, बचा लो इसकी लाज.
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*Image Source: Pixabay
Good one.. :)
ReplyDelete:)
DeleteThank you boss!
ReplyDeleteNice and a beautiful song for girls 👧👩👸👰......
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