लब उसके लाजवाब हैं.
उन गुलाबी प्यालों में,
मीठी सी कोई शराब है.
चांदी जैसे मुखड़े पर,
दो हीरे बड़े नायाब हैं.
निशा बसे है ज़ुल्फ़ों में,
माथे पर माहताब है.
इश्क़ में डूबी नज्मों की,
अनपढ़ी सी किताब है.
ऐसे उसके हुस्न पर,
सादगी का हिज़ाब है.
दीद हुआ है जबसे राजू!
दिल की हालत ख़राब है.
㇐㇣㇐
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*Image Source: Pexels
Bhai.....lajwaab!!!!!
ReplyDeleteThanks bro...
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