खामोशियों का शोर है.
इम्तिहान चल रहे हैं,
पढाई पर जोर है.
तेरा वहम जायज है,
मेरे मन में चोर है.
मां की दुआएं साथ हैं,
उजाला चारों ओर है.
राजू डगर प्रेम की,
ना ओर है, ना छोर है.
अभी मस्त चांदनी है,
फिर सुहानी भोर है.
प्यार से पेश आइएगा,
चौधरी साब कठोर है.
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㇐㇣㇐
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*Image Source: Pexels
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 17 दिसंबर 2016 को लिंक की जाएगी ....
ReplyDeletehttp://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
धन्यवाद विभा जी...
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