㇐㇣㇐
हवेली पर हवन करेंगे।
भसड़ मची है मयखानों में,
चलो चलें अब सुनसानों में।
कांकड़ में अपनी कोठी है,
सुरा के साथ में बोटी है।
भूखे प्यासे सब आ जाओ,
ख़ुमार बनकर छा जाओ।
आज करेगा कौन कमाल?
किसके है तीतर का बाल?
शर्माना तो छोड़ ही दो,
आज हदों को तोड़ ही दो।
पीकर कुछ करतब करो,
या फिर जाओ जप करो।
अपनी हवेली, अपनी कोठी,
बात नहीं ये छोटी मोटी।
तो फिर...
आओ बंधु फन करेंगे,
हवेली पर हवन करेंगे।
धूम्रपान वर्जित रहेगा,
मदिरा का सेवन करेंगे।
झूम झूमकर नाचेंगे,
सारी रात भजन करेंगे।
हाला के इस कोलाहल से,
दर्दे दिलों में अमन करेंगे।
बकचोदी के फूल खिलाकर,
इस उजाड़ को चमन करेंगे।
हवेली पर हवन करेंगे।
धूम्रपान वर्जित रहेगा,
मदिरा का सेवन करेंगे।
झूम झूमकर नाचेंगे,
सारी रात भजन करेंगे।
हाला के इस कोलाहल से,
दर्दे दिलों में अमन करेंगे।
बकचोदी के फूल खिलाकर,
इस उजाड़ को चमन करेंगे।
Ssshhh...
चौधरी साब पधार रहे हैं,
सारे लोग नमन करेंगे।
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