नीयत उसकी खोटी है.
प्यारी सी तेरी बिंदिया,
लूडो की लाल गोटी है.
जीने को तो उम्र बड़ी है,
जिंदगी भले ही छोटी है।
जेब में अपनी चाराने हैं,
सीने में रकम मोटी है।
कभी कभी लगता है चांद,
मां के हाथ की रोटी है।
क्या धीणा है चौधरी साब?
करारी सी एक झोटी है!
आओ अपनी कोठी पर,
छाछ-राबड़ी और बोटी है।
तुकबंदी की खातिर सनम,
㇐㇣㇐
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wah ...लूडो की लाल गोटी 😀👌
ReplyDeleteWaw...Very nice ...Such a sweet tukbandi
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteवाह
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