㇐㇣㇐
ख़ुदा कसम कमाल हो तुम,
मेरे सुरों की ताल हो तुम।
अदरक वाली चाय का,
पहला-पहला उबाल हो तुम।
जेठ की ये भोर सुहानी,
नील गगन में लाल हो तुम।
मेरा मन है मौन का मोती,
और सनम वाचाल हो तुम।
नेहरा जी की तुकबंदी हो,
ग़ज़ल बे-मिसाल हो तुम।
㇐㇣㇐
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