रिश्ते बड़े नाज़ुक और कच्चे मिले,
मगर अच्छा हुआ जो अच्छे मिले।
या ईश्वर! ये नफ़रत क्यों है?
जब मोहब्बत के पैगाम अच्छे मिले।
अब सौदा करे भी तो किससे,
कमबख्त दुश्मन भी अच्छे मिले।
सुनते हैं कि जमाना ख़राब है,
मगर आप दोस्त अच्छे मिले।
अब तन्हाई से डरते नहीं राजू!
Gooood ...bro
ReplyDeleteGajab bhai
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